ऋग्वेद (मंडल 1)
त्रिः स॒प्त म॑यू॒र्यः॑ स॒प्त स्वसा॑रो अ॒ग्रुवः॑ । तास्ते॑ वि॒षं वि ज॑भ्रिर उद॒कं कु॒म्भिनी॑रिव ॥ (१४)
हे शरीर! जिस प्रकार नारियां घड़ों में जल भरकर ले जाती हैं, उसी प्रकार इक्कीस मयूरियां एवं सात नदियां तुम्हारा विष दूर करें. (१४)
O body! Just as women carry water in pitchers, so may the twenty-one peacocks and the seven rivers remove your poison. (14)