हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.191.5

मंडल 1 → सूक्त 191 → श्लोक 5 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 191
ए॒त उ॒ त्ये प्रत्य॑दृश्रन्प्रदो॒षं तस्क॑रा इव । अदृ॑ष्टा॒ विश्व॑दृष्टाः॒ प्रति॑बुद्धा अभूतन ॥ (५)
वे चोरों के समान रात में देखे जाते हैं. वे किसी को दिखाई नहीं देते, पर सारे संसार को देखते रहते हैं. सब लोग उनसे सावधान रहें. (५)
They are seen at night like thieves. They don't see anyone, but they see the whole world. Everyone should beware of them. (5)