हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.21.6

मंडल 1 → सूक्त 21 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 21
तेन॑ स॒त्येन॑ जागृत॒मधि॑ प्रचे॒तुने॑ प॒दे । इन्द्रा॑ग्नी॒ शर्म॑ यच्छतम् ॥ (६)
हे इंद्र और अग्नि! जो स्वर्गलोक हमारे कर्मफलों को प्रकाशित करने वाला है, वहीं से तुम इस यज्ञ के निमित्त जाओ और हमें सुख प्रदान करो. (६)
O Indra and Agni! From the heavenly place which is going to illuminate our karma fruits, go for the sake of this yajna and give us happiness. (6)