हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.25.18

मंडल 1 → सूक्त 25 → श्लोक 18 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 25
दर्शं॒ नु वि॒श्वद॑र्शतं॒ दर्शं॒ रथ॒मधि॒ क्षमि॑ । ए॒ता जु॑षत मे॒ गिरः॑ ॥ (१८)
सब लोग जिन वरुण के दर्शन करते हैं, उन्हें मैंने देखा है. मैंने कई बार धरती पर चलता हुआ उनका रथ देखा है. वरुण ने मेरी प्रार्थना स्वीकार की है. (१८)
I have seen the Varuna that everyone sees. I have seen his chariot walking on earth many times. Varun has accepted my prayers. (18)