हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.26.4

मंडल 1 → सूक्त 26 → श्लोक 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 26
आ नो॑ ब॒र्ही रि॒शाद॑सो॒ वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । सीद॑न्तु॒ मनु॑षो यथा ॥ (४)
हे अग्नि देव! शत्रुओं का नाश करने वाले मित्र, वरुण और अर्यमा जिस प्रकार मनु के यज्ञ में आए थे, उसी प्रकार तुम भी हमारे यज्ञ में बिछे हुए कुशों पर बैठो. (४)
O God of agni! Just as varuna and aryama, the friends who destroyed the enemies, came to manu's yajna, so also sit on the kushas laid in our yajna. (4)