हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.84.15

मंडल 1 → सूक्त 84 → श्लोक 15 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 84
अत्राह॒ गोर॑मन्वत॒ नाम॒ त्वष्टु॑रपी॒च्य॑म् । इ॒त्था च॒न्द्रम॑सो गृ॒हे ॥ (१५)
इस गतिशील चंद्रमंडल में जो तेज छिपा है, वे सूर्य की किरणें हैं, ऐसा जानो. (१५)
The radiance that is hidden in this dynamic lunar system is the rays of the sun, know that. (15)