हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.90.1

मंडल 1 → सूक्त 90 → श्लोक 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 90
ऋ॒जु॒नी॒ती नो॒ वरु॑णो मि॒त्रो न॑यतु वि॒द्वान् । अ॒र्य॒मा दे॒वैः स॒जोषाः॑ ॥ (१)
उत्तम स्थान को जानने वाले वरुण, मित्र एवं इंद्र आदि देवों के साथ समान प्रेम रखने वाले अर्यमा हमें सरल मार्ग से गंतव्य पर पहुंचावें. (१)
May Aryama, who know the best place, have equal love with the gods like Varun, Mitra and Indra etc. to take us to the destination by the simple way. (1)