हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.90.3

मंडल 1 → सूक्त 90 → श्लोक 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 90
ते अ॒स्मभ्यं॒ शर्म॑ यंसन्न॒मृता॒ मर्त्ये॑भ्यः । बाध॑माना॒ अप॒ द्विषः॑ ॥ (३)
वे मरणरहित देव हमारे शत्रुओं का नाश करके हम मरणशीलों को सुख दें. (३)
May those god without death destroy our enemies and give happiness to the mortals. (3)