हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 10.135.6

मंडल 10 → सूक्त 135 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 10)

ऋग्वेद: | सूक्त: 135
यथाभ॑वदनु॒देयी॒ ततो॒ अग्र॑मजायत । पु॒रस्ता॑द्बु॒ध्न आत॑तः प॒श्चान्नि॒रय॑णं कृ॒तम् ॥ (६)
यह बालक जिस बात को सुनकर जीवलोक में लौटेगा, वह इसे पहले ही बता दी गई थी. पहले यम के घर जाने का पिता का आदेश हुआ. इसके बाद लौटने का आधार बताया गया.” (६)
What this child will hear and return to the living world was already told to it. First the father's order to go to Yama's house was done. After that, the condition of returning was given." (6)