हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 10.151.5

मंडल 10 → सूक्त 151 → श्लोक 5 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 10)

ऋग्वेद: | सूक्त: 151
श्र॒द्धां प्रा॒तर्ह॑वामहे श्र॒द्धां म॒ध्यंदि॑नं॒ परि॑ । श्र॒द्धां सूर्य॑स्य नि॒म्रुचि॒ श्रद्धे॒ श्रद्धा॑पये॒ह नः॑ ॥ (५)
हम प्रातःकाल, दोपहर के समय एवं सूर्य के अस्त होने पर श्रद्धा को बुलाते हैं. हे श्रद्धा! हमें इस संसार में श्रद्धायुक्त बनाओ. (५)
We call shraddha in the morning, at noon and at the setting of the sun. Oh, faith! Make us reverent in this world. (5)