हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 10.17.7

मंडल 10 → सूक्त 17 → श्लोक 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 10)

ऋग्वेद: | सूक्त: 17
सर॑स्वतीं देव॒यन्तो॑ हवन्ते॒ सर॑स्वतीमध्व॒रे ता॒यमा॑ने । सर॑स्वतीं सु॒कृतो॑ अह्वयन्त॒ सर॑स्वती दा॒शुषे॒ वार्यं॑ दात् ॥ (७)
देवों की इच्छा से यज्ञ करने वाले सरस्वती को बुलाते हैं. यज्ञ के विस्तार के समय पुण्यकर्म करने वालों ने सरस्वती को बुलाया. सरस्वती यजमान को धन दें. (७)
Those who perform yajna by the will of the gods call Saraswati. At the time of the extension of the yajna, the virtuous workers called Saraswati. Give money to saraswati host. (7)