हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 10.190.1

मंडल 10 → सूक्त 190 → श्लोक 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 10)

ऋग्वेद: | सूक्त: 190
ऋ॒तं च॑ स॒त्यं चा॒भी॑द्धा॒त्तप॒सोऽध्य॑जायत । ततो॒ रात्र्य॑जायत॒ ततः॑ समु॒द्रो अ॑र्ण॒वः ॥ (१)
प्रज्वलित तप से यज्ञ और सत्य उत्पन्न हुए. इसके बाद रात तथा दिन उत्पन्न हुए. इसके पश्चात्‌ जलपूर्णं सागर उत्पन्न हुए. (१)
Yajna and truth were born out of the ignited penance. After this, night and day arose. After this, the waters were born. (1)