हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 10.190.2

मंडल 10 → सूक्त 190 → श्लोक 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 10)

ऋग्वेद: | सूक्त: 190
स॒मु॒द्राद॑र्ण॒वादधि॑ संवत्स॒रो अ॑जायत । अ॒हो॒रा॒त्राणि॑ वि॒दध॒द्विश्व॑स्य मिष॒तो व॒शी ॥ (२)
जलपूर्ण सागर से संवत्सर उत्पन्न हुए. पलक झपकाने में संसार के स्वामी ईश्वर ने दिन एवं रात बनाए. (२)
Samvatsars originated from the watery sea. In the blink of an eye, God, the Lord of the world, made days and nights. (2)