हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 10.76.4

मंडल 10 → सूक्त 76 → श्लोक 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 10)

ऋग्वेद: | सूक्त: 76
अप॑ हत र॒क्षसो॑ भङ्गु॒राव॑तः स्कभा॒यत॒ निरृ॑तिं॒ सेध॒ताम॑तिम् । आ नो॑ र॒यिं सर्व॑वीरं सुनोतन देवा॒व्यं॑ भरत॒ श्लोक॑मद्रयः ॥ (४)
हे पत्थरो! तोड़फोड़ करने वाले राक्षसों का नाश करो. पाप को दूर करो और दुष्टबुद्धि को हटाओ. हमें समस्त संतान से युक्त धन दो एवं देवों को प्रसन्न करने वाली स्तुतियों का निर्माण करो. (४)
O stones! Destroy the sabotage monsters. Remove sin and remove the wicked. Give us wealth with all the children and build praises that please the gods. (4)