हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 2.19.6

मंडल 2 → सूक्त 19 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 2)

ऋग्वेद: | सूक्त: 19
स र॑न्धयत्स॒दिवः॒ सार॑थये॒ शुष्ण॑म॒शुषं॒ कुय॑वं॒ कुत्सा॑य । दिवो॑दासाय नव॒तिं च॒ नवेन्द्रः॒ पुरो॒ व्यै॑र॒च्छम्ब॑रस्य ॥ (६)
तेजस्वी इंद्र ने अपने सारथि कुत्स के कल्याण के लिए शुष्ण, अशुष और कुयव को वश में किया था तथा दिवोदास का पक्ष लेकर शंबर असुर के निन्यानवे नगरों को तोड़ा था. (६)
Tejasvi Indra had subdued Shushna, Ashush and Kuyava for the welfare of his charioteer Kutsa and took the side of Divodas and broke the ninety-nine cities of SambarAsura. (6)