हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 2.19.7

मंडल 2 → सूक्त 19 → श्लोक 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 2)

ऋग्वेद: | सूक्त: 19
ए॒वा त॑ इन्द्रो॒चथ॑महेम श्रव॒स्या न त्मना॑ वा॒जय॑न्तः । अ॒श्याम॒ तत्साप्त॑माशुषा॒णा न॒नमो॒ वध॒रदे॑वस्य पी॒योः ॥ (७)
हे इंद्र! हम तुम्हें शक्तिशाली बनाकर अन्नप्राप्ति की इच्छा से तुम्हारी स्तुति करते हैं. हम तुम्हें प्राप्त करके तुम्हारी मित्रता पावें. तुम देव-विरोधी पीयु असुर के नाश के लिए वज्र चलाओ. (७)
O Indra! We praise you with the desire to make you powerful and gain food. We get you and find your friendship. You run the vajra to destroy the anti-god Pyu asura. (7)