हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 2.23.7

मंडल 2 → सूक्त 23 → श्लोक 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 2)

ऋग्वेद: | सूक्त: 23
उ॒त वा॒ यो नो॑ म॒र्चया॒दना॑गसोऽराती॒वा मर्तः॑ सानु॒को वृकः॑ । बृह॑स्पते॒ अप॒ तं व॑र्तया प॒थः सु॒गं नो॑ अ॒स्यै दे॒ववी॑तये कृधि ॥ (७)
हे बृहस्पति! जो उन्नत एवं धन छीनने वाला व्यक्ति हमारे सामने आकर हम निर्दोषों की हिंसा करता है, उसे उत्तम मार्ग से हटा दो तथा देवयज्ञ के लिए हमारा मार्ग सरल बनाओ. (७)
O Jupiter! Remove the noble and wealth-taking person who comes before us and commits violence against us innocents, remove him from the good way and make our path easier for the godly god. (7)