ऋग्वेद (मंडल 2)
अ॒भि॒नक्ष॑न्तो अ॒भि ये तमा॑न॒शुर्नि॒धिं प॑णी॒नां प॑र॒मं गुहा॑ हि॒तम् । ते वि॒द्वांसः॑ प्रति॒चक्ष्यानृ॑ता॒ पुन॒र्यत॑ उ॒ आय॒न्तदुदी॑युरा॒विश॑म् ॥ (६)
अंगिरागोत्रीय विद्वान् ऋषियों ने चारों ओर घूमते हुए पणियों द्वारा गुफा में छिपाए हुए गोरूपी धन को प्राप्त किया. वे असुरों की माया को देखकर जिस स्थान से निकले थे, वहीं प्रवेश कर गए. (६)
The Angiragotrian scholarly sages roamed around and received the gorupi wealth hidden in the cave by the pangs. They saw the maya of the asuras and entered the place from where they had left. (6)