ऋग्वेद (मंडल 2)
हवी॑मभि॒र्हव॑ते॒ यो ह॒विर्भि॒रव॒ स्तोमे॑भी रु॒द्रं दि॑षीय । ऋ॒दू॒दरः॑ सु॒हवो॒ मा नो॑ अ॒स्यै ब॒भ्रुः सु॒शिप्रो॑ रीरधन्म॒नायै॑ ॥ (५)
जो रुद्र हव्य के साथ-साथ आह्वानों से बुलाए जाते हैं, उनका क्रोध मैं स्तोत्रों द्वारा मिटा दूंगा. कोमल उदर वाले, शोभन आह्वान से युक्त, पीले रंग वाले एवं सुंदर नाक वाले रुद्र मेरे प्रति हिंसा बुद्धि न रखें. (५)
I will wipe out the anger of those who are called by rudra havya as well as by the invocations. Rudra with a soft abdomen, with a gentle voice, with a gentle voice, with a yellow colour and a beautiful nose, should not have violence towards me. (5)