हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 4.10.3

मंडल 4 → सूक्त 10 → श्लोक 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 4)

ऋग्वेद: | सूक्त: 10
ए॒भिर्नो॑ अ॒र्कैर्भवा॑ नो अ॒र्वाङ्स्व१॒॑र्ण ज्योतिः॑ । अग्ने॒ विश्वे॑भिः सु॒मना॒ अनी॑कैः ॥ (३)
हे सूर्य के समान तेजस्वी तथा समस्त तेजयुक्त व शोभन गमन वाले अग्नि! तुम हमारे इन पूजनीय स्तोत्रों द्वारा हमारे सामने आओ. (३)
O agni as bright as the sun and all the bright and soothing agni! You come before us by these revered hymns of ours. (3)