ऋग्वेद (मंडल 4)
ए॒भिर्नो॑ अ॒र्कैर्भवा॑ नो अ॒र्वाङ्स्व१॒॑र्ण ज्योतिः॑ । अग्ने॒ विश्वे॑भिः सु॒मना॒ अनी॑कैः ॥ (३)
हे सूर्य के समान तेजस्वी तथा समस्त तेजयुक्त व शोभन गमन वाले अग्नि! तुम हमारे इन पूजनीय स्तोत्रों द्वारा हमारे सामने आओ. (३)
O agni as bright as the sun and all the bright and soothing agni! You come before us by these revered hymns of ours. (3)