हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 5.30.9

मंडल 5 → सूक्त 30 → श्लोक 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 5)

ऋग्वेद: | सूक्त: 30
स्त्रियो॒ हि दा॒स आयु॑धानि च॒क्रे किं मा॑ करन्नब॒ला अ॑स्य॒ सेनाः॑ । अ॒न्तर्ह्यख्य॑दु॒भे अ॑स्य॒ धेने॒ अथोप॒ प्रैद्यु॒धये॒ दस्यु॒मिन्द्रः॑ ॥ (९)
नमुचि नामक दास ने स्त्रियों को अपने युद्ध का साधन बनाया. इसकी सारी सेना मेरा क्या कर सकती है? यह सोचते हुए इंद्र ने उनके बीच से उसकी प्यारी दो सुंदरियों को अपने घर में रख लिया एवं नमुचि से लड़ने के लिए चल दिए. (९)
A dasa named Namuchi made women his means of war. What can the whole army do to me? Thinking of this, Indra kept his two beloved beauties from among them in his house and went to fight with Namuchi. (9)