हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 5.41.18

मंडल 5 → सूक्त 41 → श्लोक 18 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 5)

ऋग्वेद: | सूक्त: 41
तां वो॑ देवाः सुम॒तिमू॒र्जय॑न्ती॒मिष॑मश्याम वसवः॒ शसा॒ गोः । सा नः॑ सु॒दानु॑र्मृ॒ळय॑न्ती दे॒वी प्रति॒ द्रव॑न्ती सुवि॒ताय॑ गम्याः ॥ (१८)
हे दीप्तिशाली वसुओ! हम तुम्हारी गायरूपी स्तुति से शक्तिकारक दूधरूपी अन्न प्राप्त करें. वह शोभन दान वाली देवी हमें सुख पहुंचाती हुई शीघ्र हमारे सामने आवे. (१८)
O glorious Vasuo! Let us get powerful milk-like food from your cowly praise. May that godly goddess of shobhan daan come before us soon, bringing us happiness. (18)