हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 5.52.8

मंडल 5 → सूक्त 52 → श्लोक 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 5)

ऋग्वेद: | सूक्त: 52
शर्धो॒ मारु॑त॒मुच्छं॑स स॒त्यश॑वस॒मृभ्व॑सम् । उ॒त स्म॒ ते शु॒भे नरः॒ प्र स्य॒न्द्रा यु॑जत॒ त्मना॑ ॥ (८)
हे स्तोताओ! मरुतों के अत्यंत विस्तृत एवं सत्य पर आधारित उत्तम बल की स्तुति करो. वर्षा करने वाले मरुद्गण जल बरसाने के लिए अपने आप सबकी रक्षा के विचार से परिश्रम करते हैं. (८)
This stotao! Praise the very wide and truth-based noble force of the Maruts. The rainy deserts work hard with the idea of protecting everyone on their own to rain water. (8)