हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 6.2.9

मंडल 6 → सूक्त 2 → श्लोक 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 6)

ऋग्वेद: | सूक्त: 2
त्वं त्या चि॒दच्यु॒ताग्ने॑ प॒शुर्न यव॑से । धामा॑ ह॒ यत्ते॑ अजर॒ वना॑ वृ॒श्चन्ति॒ शिक्व॑सः ॥ (९)
हे अग्नि! तुम मजबूत लकड़ियों को घास खाने वाले घोड़े के समान भक्षण करते हो. हे जरारहित एवं दीप्त अग्नि! तुम्हारी ज्वालाएं वनों को नष्ट कर देती हैं. (९)
O agni! You feed strong wood like a grass-eating horse. O lightless and bright agni! Your flames destroy the forests. (9)