ऋग्वेद (मंडल 6)
त्वं त्या चि॒दच्यु॒ताग्ने॑ प॒शुर्न यव॑से । धामा॑ ह॒ यत्ते॑ अजर॒ वना॑ वृ॒श्चन्ति॒ शिक्व॑सः ॥ (९)
हे अग्नि! तुम मजबूत लकड़ियों को घास खाने वाले घोड़े के समान भक्षण करते हो. हे जरारहित एवं दीप्त अग्नि! तुम्हारी ज्वालाएं वनों को नष्ट कर देती हैं. (९)
O agni! You feed strong wood like a grass-eating horse. O lightless and bright agni! Your flames destroy the forests. (9)