ऋग्वेद (मंडल 7)
ऋभु॑क्षणो वाजा मा॒दय॑ध्वम॒स्मे न॑रो मघवानः सु॒तस्य॑ । आ वो॒ऽर्वाचः॒ क्रत॑वो॒ न या॒तां विभ्वो॒ रथं॒ नर्यं॑ वर्तयन्तु ॥ (१)
हे नेता एवं धनस्वामी ऋभु.ओ! तुम हमारा सोमरस पीकर मतवाले बनो. अब तुम जाओ. तुम्हारे कार्यकर्ता एवं समर्थ अश्च तुम्हारे मानवहितकारी रथ को हमारी ओर मोड़ें. (१)
O leader and wealthy lord, Ribhu.o! Don't be your drinkers by drinking our somras. Now you go. Turn your workers and able ass your man-made chariot towards us. (1)
ऋग्वेद (मंडल 7)
ऋ॒भुरृ॒भुभि॑र॒भि वः॑ स्याम॒ विभ्वो॑ वि॒भुभिः॒ शव॑सा॒ शवां॑सि । वाजो॑ अ॒स्माँ अ॑वतु॒ वाज॑साता॒विन्द्रे॑ण यु॒जा त॑रुषेम वृ॒त्रम् ॥ (२)
हे ऋभु.ओ! हम तुम्हारी सहायता से विस्तृत एवं धनवान् बनें. हम तुम्हारी शक्ति से शत्रुओं को पराजित करें. युद्ध में वाज हमारी रक्षा करें. हम इंद्र को पाकर शत्रुओं से पार पा लेंगे. (२)
O Lord.o! Let us be comprehensive and rich with your help. Let us defeat the enemies with your power. Protect us in war. We will overcome the enemies by finding Indra. (2)
ऋग्वेद (मंडल 7)
ते चि॒द्धि पू॒र्वीर॒भि सन्ति॑ शा॒सा विश्वा॑ँ अ॒र्य उ॑प॒रता॑ति वन्वन् । इन्द्रो॒ विभ्वा॑ँ ऋभु॒क्षा वाजो॑ अ॒र्यः शत्रो॑र्मिथ॒त्या कृ॑णव॒न्वि नृ॒म्णम् ॥ (३)
इंद्र एवं ऋभु हमारे शत्रुओं की अनेक सेनाओं को अपनी आज्ञा से मार डालते हैं. वे युद्ध में समस्त शत्रुओं का हनन करते हैं. शत्रुनाशक इंद्र, ऋभुक्षा एवं वाज शत्रु के बल को समाप्त करेंगे. (३)
Indra and Ribhu kill many armies of our enemies by their command. They violate all the enemies in the war. The enemy destroyers Indra, Ribhuksha and Vaj will put an end to the enemy's force. (3)
ऋग्वेद (मंडल 7)
नू दे॑वासो॒ वरि॑वः कर्तना नो भू॒त नो॒ विश्वेऽव॑से स॒जोषाः॑ । सम॒स्मे इषं॒ वस॑वो ददीरन्यू॒यं पा॑त स्व॒स्तिभिः॒ सदा॑ नः ॥ (४)
दीप्तिशाली ऋभु.ओ! हमें आज धन दो. तुम सब समानरूप से प्रसन्न होकर हमारे रक्षक बनो. प्रसिद्ध ऋभु हमें अन्न दें. हे देवो! तुम अपने कल्याणसाधनों द्वारा हमारी सदा रक्षा करो. (४)
The bright hribhu.o! Give us money today. Be our protectors by being equally pleased with all of you. The famous Ribhu give us food. Oh, God! You protect us forever by your welfare means. (4)