हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 7.48.2

मंडल 7 → सूक्त 48 → श्लोक 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 7)

ऋग्वेद: | सूक्त: 48
ऋ॒भुरृ॒भुभि॑र॒भि वः॑ स्याम॒ विभ्वो॑ वि॒भुभिः॒ शव॑सा॒ शवां॑सि । वाजो॑ अ॒स्माँ अ॑वतु॒ वाज॑साता॒विन्द्रे॑ण यु॒जा त॑रुषेम वृ॒त्रम् ॥ (२)
हे ऋभु.ओ! हम तुम्हारी सहायता से विस्तृत एवं धनवान्‌ बनें. हम तुम्हारी शक्ति से शत्रुओं को पराजित करें. युद्ध में वाज हमारी रक्षा करें. हम इंद्र को पाकर शत्रुओं से पार पा लेंगे. (२)
O Lord.o! Let us be comprehensive and rich with your help. Let us defeat the enemies with your power. Protect us in war. We will overcome the enemies by finding Indra. (2)