हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.24.6

मंडल 8 → सूक्त 24 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 24
आ त्वा॒ गोभि॑रिव व्र॒जं गी॒र्भिरृ॑णोम्यद्रिवः । आ स्मा॒ कामं॑ जरि॒तुरा मनः॑ पृण ॥ (६)
हे वज्रधारी इंद्र! लोग जिस प्रकार गायों के साथ गोशाला में जाते हैं, इसी प्रकार मैं स्तुतियों के साथ तुम्हारे पास आता हूं. तुम मुझ स्तोता की धन संबंधी अभिलाषा एवं मनोकामना पूरी करो. (६)
O thunderbolt Indra! Just as people go to the goshala with cows, so I come to you with praises. You fulfill the wealth desire and desire of my sonta. (6)