हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.33.17

मंडल 8 → सूक्त 33 → श्लोक 17 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 33
इन्द्र॑श्चिद्घा॒ तद॑ब्रवीत्स्त्रि॒या अ॑शा॒स्यं मनः॑ । उ॒तो अह॒ क्रतुं॑ र॒घुम् ॥ (१७)
इंद्र ने ही कहा था—“स्त्री के मन पर शासन संभव नहीं है स्त्री की बुद्धि गतिशील होती है.” (१७)
Indra said, "It is not possible to rule over a woman's mind; a woman's intellect is dynamic." (17)