हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.33.18

मंडल 8 → सूक्त 33 → श्लोक 18 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 33
सप्ती॑ चिद्घा मद॒च्युता॑ मिथु॒ना व॑हतो॒ रथ॑म् । ए॒वेद्धूर्वृष्ण॒ उत्त॑रा ॥ (१८)
सोमरस की ओर जाने वाले इंद्र के दोनों घोड़े रथ को वहन करते हैं. इस प्रकार कामवर्षक इंद्र का रथ सबसे श्रेष्ठ है. (१८)
Both of Indra's horses going towards Somras carry the chariot. Thus the chariot of the workman Indra is the best. (18)