ऋग्वेद (मंडल 8)
आ त्वा॒ ग्रावा॒ वद॑न्नि॒ह सो॒मी घोषे॑ण यच्छतु । दि॒वो अ॒मुष्य॒ शास॑तो॒ दिवं॑ य॒य दि॑वावसो ॥ (२)
हे इंद्र! इस यज्ञ में सोमलता कुचलने के पत्थर तुम्हें सोम वाला कहते हुए तुम्हारे लिए सोम दें. हे दीप्त हवि वाले इंद्र! तुम ्युलोक का शासन करते हो, इसलिए झुलोक में जाओ. (२)
O Indra! In this yajna, the stones of crushing somlata give you som for you by calling you som wala. O indra of the bright soul! You rule the Yuloka, so go to the jhuloka. (2)