ऋग्वेद (मंडल 8)
र॒थे॒ष्ठाया॑ध्वर्यवः॒ सोम॒मिन्द्रा॑य सोतन । अधि॑ ब्र॒ध्नस्याद्र॑यो॒ वि च॑क्षते सु॒न्वन्तो॑ दा॒श्व॑ध्वरम् ॥ (१३)
हे अध्वर्युगण! रथ पर बैठे इंद्र के लिए सोमरस निचोड़ो. चमड़े के ऊपर एक पत्थर पर दूसरा पत्थर रखा है. यजमान यज्ञ पूरा करने वाले सोमरस को निचोड़ता हुआ सुशोभित है. (१३)
O teacher! Squeeze the somras for Indra sitting on the chariot. One stone is placed on top of the leather on the other stone. The host is adorned with a squeezing somras that completes the yajna. (13)