हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.43.18

मंडल 8 → सूक्त 43 → श्लोक 18 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 43
तुभ्यं॒ ता अ॑ङ्गिरस्तम॒ विश्वाः॑ सुक्षि॒तयः॒ पृथ॑क् । अग्ने॒ कामा॑य येमिरे ॥ (१८)
हे अंगिराओं में श्रेष्ठ अग्नि! सारी प्रजाएं अपनी अभिलाषापूर्ति के लिए अलग-अलग तुम्हारे पास आती हैं. (१८)
O the great agni in the Angiras! All the people come to you separately to fulfill their desires. (18)