हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.6.37

मंडल 8 → सूक्त 6 → श्लोक 37 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 6
त्वामिदवृत्रहन्तम जनासो वृक्तबर्हिषः. हवन्ते वाजसातये. (३७)
हे शत्रुनाशकों में श्रेष्ठ इंद्र! कुश उखाड़ने वाले लोग अन्न पाने के लिए तुम्हें बुलाते हैं. (३७)
O Indra, the best of the enemies! The people who uproot kush call you to get food. (37)