ऋग्वेद (मंडल 8)
त्वामिदवृत्रहन्तम जनासो वृक्तबर्हिषः. हवन्ते वाजसातये. (३७)
हे शत्रुनाशकों में श्रेष्ठ इंद्र! कुश उखाड़ने वाले लोग अन्न पाने के लिए तुम्हें बुलाते हैं. (३७)
O Indra, the best of the enemies! The people who uproot kush call you to get food. (37)