हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.62.11

मंडल 8 → सूक्त 62 → श्लोक 11 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 62
किमि॒दं वां॑ पुराण॒वज्जर॑तोरिव शस्यते । अन्ति॒ षद्भू॑तु वा॒मवः॑ ॥ (११)
रो! तुम्हें पुराने एवं बुड्ढे व्यक्ति के समान बार-बार क्यों बुलाना पड़ता रे साथ रहे. (११)
Weep! Why do you have to be called again and again like an old and old person? (11)