हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.64.15

मंडल 8 → सूक्त 64 → श्लोक 15 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 64
पर॑स्या॒ अधि॑ सं॒वतोऽव॑राँ अ॒भ्या त॑र । यत्रा॒हमस्मि॒ ताँ अ॑व ॥ (१५)
हे अग्नि! शत्रुओं की सेनाओं को हमारी सेनाओं से पराजित कराओ. मैं जिस सेना के बीच में हूं, तुम उसकी रक्षा करो. (१५)
O agni! Defeat the armies of the enemies with our armies. The army I'm in the middle of, you protect it. (15)