ऋग्वेद (मंडल 8)
वि॒दद्यत्पू॒र्व्यं न॒ष्टमुदी॑मृता॒युमी॑रयत् । प्रेमायु॑स्तारी॒दती॑र्णम् ॥ (६)
जब कोई अपना प्राचीन काल में नष्ट हुआ धन प्राप्त करता है उस समय सोम उसे यज्ञकार्य की प्रेरणा देते हैं एवं दीर्घ जीवन प्राप्त कराते हैं. (६)
When one receives one's wealth destroyed in ancient times, soma inspires him to perform yajna and attains a long life. (6)