ऋग्वेद (मंडल 8)
आ नो विश्वान्याश्चिना धत्तं राधांस्यहृया. कृतं न ऋत्वियावतो मा नो रीरधतं निदे.. (१३)
हे अश्चिनीकुमारो! हमें प्रशंसनीय संपत्तियां दो एवं समय पर संतान उत्पन्न करने योग्य बनाओ. तुम हमें शत्रु के अधिकार में मत देना. (१३)
O aschinikumaro! Give us admirable assets and make us able to produce offspring on time. Don't give us the enemy's possession. (13)