हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.80.6

मंडल 8 → सूक्त 80 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 80
अ॒सौ च॒ या न॑ उ॒र्वरादि॒मां त॒न्वं१॒॑ मम॑ । अथो॑ त॒तस्य॒ यच्छिरः॒ सर्वा॒ ता रो॑म॒शा कृ॑धि ॥ (६)
हे इंद्र! मेरे पिता का जो ऊसर खेत है, मेरे शरीर का जो त्वचादोष के कारण लोमरहित गोपनीय स्थान है एवं मेरे पिता का जो सिर है, इन में खेत को उपजाऊ एवं शेष दो को बालों से युक्त बनाओ. (६)
O Indra! My father's field, the secret place of my body which is wrought due to skin defects, and the head of my father, make the field fertile and the other two with hair. (6)