हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.101.7

मंडल 9 → सूक्त 101 → श्लोक 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 101
अ॒यं पू॒षा र॒यिर्भगः॒ सोमः॑ पुना॒नो अ॑र्षति । पति॒र्विश्व॑स्य॒ भूम॑नो॒ व्य॑ख्य॒द्रोद॑सी उ॒भे ॥ (७)
सबके पोषक, सेवा करने योग्य व धन के कारण सोम शुद्ध होकर कलश में जाते हैं. सब प्राणियों के स्वामी सोम अपने तेज से द्यावा-पृथिवी को प्रकाशित करते हैं. (७)
Due to everyone's nourishment, serviceable and wealth, Som purely goes to the kalash. The lord of all beings, Som, illuminates the dyava-prithvivi with his fast. (7)