हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.109.21

मंडल 9 → सूक्त 109 → श्लोक 21 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 109
दे॒वेभ्य॑स्त्वा॒ वृथा॒ पाज॑से॒ऽपो वसा॑नं॒ हरिं॑ मृजन्ति ॥ (२१)
हे जल में रहने वाले हरितवर्ण सोम! ऋत्विजू तुम्हें बिना श्रम के देवों के पीने एवं उन्हें शक्ति देने के लिए शुद्ध करते हैं. (२१)
O green golden som living in the water! Ritwizu purifies you to drink without labor to the gods and give them strength. (21)