ऋग्वेद (मंडल 9)
प्र सोमा॑सो मद॒च्युतः॒ श्रव॑से नो म॒घोनः॑ । सु॒ता वि॒दथे॑ अक्रमुः ॥ (१)
नशा करने वाले सोम निचुड़कर हव्यदाता यजमान को अन्न देने के लिए यज्ञ में जाते हैं. (१)
The drunk som nikhurkar goes to the yagna to give food to the havyadata host. (1)