हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 36
अस॑र्जि॒ रथ्यो॑ यथा प॒वित्रे॑ च॒म्वोः॑ सु॒तः । कार्ष्म॑न्वा॒जी न्य॑क्रमीत् ॥ (१)
रथ में जुड़ा हुआ घोड़ा जिस प्रकार युद्ध में चलता है, उसी प्रकार चमू नामक दोनों पात्रों में निचोड़े गए एवं दशापवित्र पर छाने गए सोम यज्ञ में गति करते हैं. (१)
Just as the horse attached to the chariot moves in battle, in the same way, the soma, squeezed in both the characters named Chamu and covered on the Dashapavitra, moves in the yagna. (1)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 36
स वह्निः॑ सोम॒ जागृ॑विः॒ पव॑स्व देव॒वीरति॑ । अ॒भि कोशं॑ मधु॒श्चुत॑म् ॥ (२)
हे यज्ञ वहन करने वाले, जागरूक एवं देवाभिलाषी सोम! तुम रस टपकाने वाले, दशापवित्र से छनकर द्रोणकलश में गिरो. (२)
O Yajna-carrying, aware and devabhishi Som! You, the one who drips the juice, filter it from the dashapavitra and fall into the dronakalash. (2)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 36
स नो॒ ज्योतीं॑षि पूर्व्य॒ पव॑मान॒ वि रो॑चय । क्रत्वे॒ दक्षा॑य नो हिनु ॥ (३)
हे प्राचीन एवं निचुड़ते हुए सोम! हमारे लिए दिव्य स्थानों को प्रकाशित करो तथा हमें यज्ञकर्म एवं शक्तिप्राप्ति की प्रेरणा दो. (३)
O ancient and dull mon! Illuminate the divine places for us and inspire us to perform yajnakarma and attain power. (3)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 36
शु॒म्भमा॑न ऋता॒युभि॑र्मृ॒ज्यमा॑नो॒ गभ॑स्त्योः । पव॑ते॒ वारे॑ अ॒व्यये॑ ॥ (४)
यज्ञ के अभिलाषी ऋत्विजों द्वारा अलंकृत एवं हाथों द्वारा मसले गए सोम भेड़ के बालों से बने दशापवित्र से छनते हैं. (४)
The seekers of the yajna are adorned by the ritvajas and mashed by the hands of the mons from the dashapavitra made of sheep's hair. (4)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 36
स विश्वा॑ दा॒शुषे॒ वसु॒ सोमो॑ दि॒व्यानि॒ पार्थि॑वा । पव॑ता॒मान्तरि॑क्ष्या ॥ (५)
वे निचोड़े जाते हुए सोम हविदाता यजमान को झुलोक, भूलोक और अंतरिक्ष संबंधी सभी धन दें. (५)
They squeezed and give all the money related to jhuloka, bhulok and space to the Som Hvidata host. (5)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 36
आ दि॒वस्पृ॒ष्ठम॑श्व॒युर्ग॑व्य॒युः सो॑म रोहसि । वी॒र॒युः श॑वसस्पते ॥ (६)
हे अन्न के पालक सोम! तुम स्तोताओं के लिए गाएं, घोड़े एवं वीर संतान देने के अभिलाषी बनकर स्वर्ग की पीठ पर चढ़ो. (६)
O The Guardian of the Grain Mon! Sing for the Psalms, climb the back of heaven, wishing to give horses and brave children. (6)