हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.42.5

मंडल 9 → सूक्त 42 → श्लोक 5 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 42
अ॒भि विश्वा॑नि॒ वार्या॒भि दे॒वाँ ऋ॑ता॒वृधः॑ । सोमः॑ पुना॒नो अ॑र्षति ॥ (५)
निचोड़े जाते हुए ये सोम सभी वरण करने योग्य धनों एवं यज्ञवर्धक देवों के पास जाते हैं. (५)
While being squeezed, these somas go to all the selectable riches and sacrificial gods. (5)