हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.56.3

मंडल 9 → सूक्त 56 → श्लोक 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 56
अ॒भि त्वा॒ योष॑णो॒ दश॑ जा॒रं न क॒न्या॑नूषत । मृ॒ज्यसे॑ सोम सा॒तये॑ ॥ (३)
हे सोम! कन्या जिस प्रकार अपने यार को बुलाती है, उसी प्रकार शब्द करती हुई दस उंगलियां हमें धन देने के लिए तुम्हें मसलती हैं. (३)
Hey Mon! Just as a virgo calls her man, in the same way, ten fingers saying the word tease you to give us money. (3)