हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.63.24

मंडल 9 → सूक्त 63 → श्लोक 24 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 63
अ॒प॒घ्नन्प॑वसे॒ मृधः॑ क्रतु॒वित्सो॑म मत्स॒रः । नु॒दस्वादे॑वयुं॒ जन॑म् ॥ (२४)
हे नशीले एवं शत्रुओं को नष्ट करने वाले सोम! तुम हमें बुद्धि देते हुए छनते हो. तुम देवों की अभिलाषा न करने वाले राक्षसों को समाप्त करो. (२४)
O mon who destroys the drug and the enemies! You give us wisdom. You eliminate the demons who do not desire the gods. (24)