ऋग्वेद (मंडल 9)
पव॑मानास आ॒शवः॑ शु॒भ्रा अ॑सृग्र॒मिन्द॑वः । घ्नन्तो॒ विश्वा॒ अप॒ द्विषः॑ ॥ (२६)
ऋत्विजों द्वारा शीघ्र गति वाले, शोभन, दीप्तिशाली एवं शुद्ध होते हुए सोम, शत्रुओं का हनन करने के लिए निर्मित होते हैं. (२६)
The quick-moving, soothing, glorious and pure mons are created by the Ritvites to abuse the enemies. (26)