ऋग्वेद (मंडल 9)
सु॒त इन्द्रा॑य॒ विष्ण॑वे॒ सोमः॑ क॒लशे॑ अक्षरत् । मधु॑माँ अस्तु वा॒यवे॑ ॥ (३)
इंद्र, विष्णु एवं वायु के लिए निचोड़े गए सोम द्रोणकलश में गिरते हैं एवं मधुर रस वाले हैं. (३)
Indra, Vishnu and the soma squeezed for the air fall into the Dronakalash and are of sweet juice. (3)