हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.63.30

मंडल 9 → सूक्त 63 → श्लोक 30 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 63
अ॒स्मे वसू॑नि धारय॒ सोम॑ दि॒व्यानि॒ पार्थि॑वा । इन्दो॒ विश्वा॑नि॒ वार्या॑ ॥ (३०)
हे दीप्तिशाली सोम! तुम झुलोक एवं धरती से संबंधित सभी वरण करने योग्य धनों को हमें दो. (३०)
O radiant Mon! You give us all the selectable wealth related to the land and the earth. (30)