ऋग्वेद (मंडल 9)
शुचिः॑ पुना॒नस्त॒न्व॑मरे॒पस॒मव्ये॒ हरि॒र्न्य॑धाविष्ट॒ सान॑वि । जुष्टो॑ मि॒त्राय॒ वरु॑णाय वा॒यवे॑ त्रि॒धातु॒ मधु॑ क्रियते सु॒कर्म॑भिः ॥ (८)
दीप्तिशाली व हरे रंग के सोम अपने पापरहित शरीर को शुद्ध करते हुए भेड़ के बालों के दशापवित्ररूपी ऊंचे स्थान पर जाते हैं. शोभन कर्म वाले ऋत्विज् पर्याप्त जल, दूध तथा दही मिले हुए सोम को मित्र, वरुण एवं वायु के लिए देते हैं. (८)
The bright and green som goes to a high place in the form of the dashapavitri of the sheep's hair, purifying his sinless body. The ritwijs with shobhan karma give enough water, milk and curd to Som mixed for his friend, Varuna and Vayu. (8)