हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.72.1

मंडल 9 → सूक्त 72 → श्लोक 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 72
हरिं॑ मृजन्त्यरु॒षो न यु॑ज्यते॒ सं धे॒नुभिः॑ क॒लशे॒ सोमो॑ अज्यते । उद्वाच॑मी॒रय॑ति हि॒न्वते॑ म॒ती पु॑रुष्टु॒तस्य॒ कति॑ चित्परि॒प्रियः॑ ॥ (१)
ऋत्विज्‌ हरे रंग वाले सोम को मसलते हैं, सोम की सेवा घोड़े के समान की जाती है. द्रोण में स्थित सोम गाय के दूध, दही से मिलाए जाते हैं. जब सोम शब्द करते हैं, तब स्तोता स्तुतियां करते हैं. इसके बाद सोम बहुत सी स्तुतियां करने वाले स्तोता को धन से प्रसन्न करते हैं. (१)
Ritwijs mash the green coloured mon, the som is served like a horse. Som cow's milk, located in Drona, is mixed with curd. When som does the word, the psalms praise. After this, Som pleases the stota who makes many praises with wealth. (1)